歌词
माधव मेरे जबसे मैंने
तुमसे नेह लगाया है
जग क्या जाने ख़ुद को खोकर
मैंने सबकुछ पाया है
ओ मुरली वाले, रास रचैया
ओ मुरली वाले, कृष्ण कन्हैया
-रसिया हो तुम,ये मैं जानूँ
रास रचाया तुमने ही
पर मीरा को राधा को
पूज्य बनाया तुमने ही
जिन नैनों में तुम हो बसे
फिर दूजा कौन समाया है
जग क्या जाने ख़ुद को खोकर
मैंने सबकुछ पाया है।
-जग ये कहे न मिल पाएँगे
कान्हा तो भगवान हैं
तुमसे प्रेम,तुम ही से भक्ति
बसते तुम्ही में प्राण हैं
कान्हा के चरणों में ही
साँसों का दीप जलाया है
जग क्या जाने ख़ुद को खोकर
मैने सबकुछ पाया है
-नैनों में हर रंग है तेरे
मुरली में हर राग है
एक प्रेम श्रृंगार है तेरा
एक प्रेम बैराग है
मेरे प्रेम का हर मोती
माला में तेरी सजाया है
जग क्या जाने ख़ुद को खोकर
मैंने सबकुछ पाया है
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