歌词
भीगी-भीगी रातों में, मीठी-मीठी बातों में
ऐसी बरसातों में कैसा लगता है, हाँ?
ऐसा लगता है, तुम बन के बादल
मेरे बदन को भिगो के मुझे छेड़ रहे हो, हो, छेड़ रहे हो
ऐसा लगता है, तुम बन के बादल
मेरे बदन को भिगो के मुझे छेड़ रहे हो, हो, छेड़ रहे हो
अंबर खेले होली, उई माँ, भीगी मोरी चोली
हमजोली, हमजोली
अंबर खेले होली, उई माँ, भीगी मोरी चोली
हमजोली, हमजोली
हो, पानी के इस रेले में, सावन के इस मेले में
छत पे अकेले में कैसा लगता है?
ऐसा लगता है, तुम बन के घटा
अपने सजन को भिगो के खेल खेल रही हो, हो, खेल रही हो
ऐसा लगता है, तुम बन के बादल
मेरे बदन को भिगो के मुझे छेड़ रहे हो, हो, छेड़ रहे हो
बरखा से बचा लूँ तुझे, सीने से लगा लूँ
आ छुपा लूँ, आ छुपा लूँ
बरखा से बचा लूँ तुझे, सीने से लगा लूँ
आ छुपा लूँ, आ छुपा लूँ
दिल ने पुकारा देखो, रुत का इशारा देखो
उफ़, ये नज़ारा देखो, कैसा लगता है? बोलो
ऐसा लगता है, कुछ हो जाएगा
मस्त पवन के ये झोंके सय्याँ देख रहे हो, हो, देख रहे हो
ऐसा लगता है, तुम बन के बादल
मेरे बदन को भिगो के मुझे छेड़ रहे हो, हो, छेड़ रहे हो
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